एकनाथ शिंदे का औरंगजेब पर तीखा हमला, ‘वह हमारे इतिहास पर धब्बा है’ - Newztezz

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Wednesday, March 19, 2025

एकनाथ शिंदे का औरंगजेब पर तीखा हमला, ‘वह हमारे इतिहास पर धब्बा है’

 Eknath Shinde: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे(Eknath Shinde) ने मंगलवार को विधानसभा में मुग़ल सम्राट औरंगजेब के खिलाफ तीखा बयान दिया। यह बयान उस समय आया जब राज्य में औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद गरमाया हुआ था। शिंदे(Eknath Shinde) ने उसे भारतीय इतिहास का एक कलंक बताया और उसकी महिमामंडन की कोशिशों को खारिज कर दिया। उनका कहना था कि औरंगजेब ने भारतीय समाज में आतंक और विभाजन फैलाने का काम किया था, और ऐसे व्यक्तित्व का महिमामंडन नहीं किया जा सकता। शिंदे ने अपने बयान में यह भी कहा कि औरंगजेब के अत्याचारों की वजह से वह भारतीय समाज में कभी स्वीकार्य नहीं हो सकता।

औरंगजेब ने संभाजी महाराज को मारा‘-शिंदे
(Eknath Shinde)

शिंदे (Eknath Shinde)ने औरंगजेब के इतिहास में किए गए कृत्यों पर तीव्र आलोचना की। उन्होंने कहा कि औरंगजेब ने मराठा राजा छत्रपति संभाजी महाराज को इस्लाम अपनाने का प्रस्ताव दिया था। जब संभाजी महाराज ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया, तो औरंगजेब ने उन्हें क्रूरतापूर्वक प्रताड़ित किया और अंततः मार डाला। शिंदे(Eknath Shinde) ने इसे भारतीय इतिहास का एक काले धब्बे के रूप में देखा, और औरंगजेब के शासन को एक अत्याचारी शासन के रूप में चित्रित किया। उनका यह कहना था कि औरंगजेब ने अपने विरोधियों को केवल धर्म के नाम पर ही नहीं, बल्कि अपनी सत्ता को मजबूती से बनाए रखने के लिए भी बेरहमी से कुचला। इस बयान से शिंदे(Eknath Shinde) ने यह साबित करने की कोशिश की कि औरंगजेब की शासकीय नीति को कभी भी आदर्श के रूप में प्रस्तुत नहीं किया जा सकता।

औरंगजेब की कब्र और वसीयत

इसके साथ ही, शिंदे(Eknath Shinde) ने औरंगजेब की कब्र को लेकर भी बात की। उन्होंने बताया कि औरंगजेब की कब्र पर कोई भव्य गुम्बद नहीं बनाया गया, क्योंकि उसने अपनी वसीयत में कहा था कि उसकी कब्र कच्ची मिट्टी से बनाई जाए और उस पर किसी प्रकार का गुम्बद न हो। औरंगजेब की कब्र आज भी खुले आसमान के नीचे है, और वह बरसात में भीग जाती है। शिंदे ने यह उदाहरण देते हुए औरंगजेब की ऐतिहासिक महत्वता को नकारा और उसे भारतीय इतिहास के सम्मान के लायक नहीं माना।

शिंदे (Eknath Shinde)ने यह भी स्पष्ट किया कि औरंगजेब के शासन के दौरान देश में जो क्रूरता और विभाजन हुआ, उसे नकारा नहीं जा सकता। उन्होंने तर्क दिया कि औरंगजेब का महिमामंडन केवल एक राजनीतिक एजेंडा के तहत किया जा रहा है, और यह समाज को गलत दिशा में ले जाएगा। शिंदे (Eknath Shinde)के इस बयान से यह साफ हो गया कि वह औरंगजेब की भूमिका को पूरी तरह से नकारते हैं और उसे भारतीय समाज के लिए आदर्श मानने से इनकार करते हैं।

इस बयान से एकनाथ शिंदे(Eknath Shinde) ने राज्य में चल रहे औरंगजेब के महिमामंडन के प्रयासों को चुनौती दी और अपनी स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने यह भी कहा कि इस विषय पर गंभीर विचार विमर्श की आवश्यकता है, ताकि इतिहास की सही तस्वीर को प्रस्तुत किया जा सके और समाज में सच्चाई को उजागर किया जा सके।Eknath Shinde:

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